Amitabh Bachchan and Abhishek Bachchan: अमिताभ बच्चन ने बताया करिश्मा से शादी टूटने के बाद कैसा था अभिषेक का हाल

Abhishek Bachchan

Amitabh Bachchan and Abhishek Bachchan:हाल ही में करिश्मा कपूर के पूर्व पति संजय कपूर का हार्ट अटैक के कारण निधन हो गया था। उनके अंतिम संस्कार में करिश्मा अपने दोनों बच्चों के साथ पहुंची थीं। दोनों ने साल 2003 में शादी की थी और 2016 तक वो अलग हो गए थे। संजय कपूर से शादी करने से पहले करिश्मा, बच्चन परिवार की बहू बनने वाली थीं, लेकिन अचानक उनका रिश्ता टूट गया। अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan) और करिश्मा एक समय में बॉलीवुड की चर्चित जोड़ी हुआ करती थी। कथित तौर पर दोनों की पहली मुलाकात श्वेता बच्चन की शादी में हुई थी। वहीं दोनों ने एक दूसरे को पसंद किया था और उनकी डेटिंग की खबरें आने लगी थी। जया बच्चन ने अमिताभ बच्चन के 60वें जन्मदिन पर भरी महफिल में करिश्मा को अपने परिवार की बहू कहा था।

जया ने उसी पार्टी में दोनों की सगाई का अनाउंसमेंट भी किया था, इसे जानकर हर कोई हैरान और खुश था। दोनों के फैंस उनकी शादी का इंतजार कर रहे थे, तभी दोनों परिवार ने उनकी शादी टूटने की खबर दी। साल 2005 में अमिताभ बच्चन (Abhishek Bachchan) ने बताया था कि उस वक्त अभिषेक बच्चन पर क्या बीती थी।

 

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अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan), करण जौहर के चैट शो ‘कॉफी विद करण’ में नजर आए थे। उस दौरान अमिताभ बच्चन ने बेटे और करिश्मा की शादी टूटने के कारण को लेकर बात की थी। उन्होंने ये भी बताया था उनके परिवार को उस वक्त कैसा लगा था।

अमिताभ ने कहा था, “ये एक संवेदनशील क्षण था। रिश्ते बन रहे हैं, रिश्ते टूट रहे हैं। ये किसी भी युवा के लिए दुखद हो सकता है, और जाहिर है परिवार के लिए भी दुखद। हम नहीं चाहते कि ऐसा किसी के साथ हो, लेकिन अगर परिस्थितियां मिलन के लिए अनुकूल नहीं हैं, तो बेहतर है कि आप अलग-अलग रास्ते अपनाएं। यही हुआ।”

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अमिताभ बच्चन ने बताया कि परिवार पर क्या गुजरी और कहा कि जो कुछ भी हुआ, वो भगवान की मर्जी थी। अमिताभ ने बताया कि यह परिवार के लिए एक सबक था। “मुझे लगता है कि किसी के जीवन में ये सभी प्रसंग ऐसे प्रसंग हैं जो उसे एक इंसान के रूप में बेहतर बनाएंगे, उसे एक बेहतर इंसान बनाएंगे, उसे दुनिया का अधिक मजबूत तरीके से सामना करना सिखाएंगे। अगर मैं पूरी तरह से ईमानदार हो सकता हूं, तो यह आपको उस पेशे में सीखने का मौका देता है जिसमें हम हैं। ‘मन का हो तो अच्छा, मन का ना हो तो और ज्यादा अच्छा, वो फिर भगवान के मन का होता है और भगवान आपके लिए, कभी बुरा नहीं चाहेगा’।”